चंगेज खान के वारिसों के शहर का अब पता चल गया है. रूस में वोल्गा नदी के किनारे की खुदाई में 750 साल पुराने एक शहर के अवशेषों को खोज निकाला है. इस शहर कोचंगेज खान के वारिसों ने बसाया था.इन अवशेषों में दो ईसाई गिरजाघर भी शामिल हैं जिनमें से एक में पत्थर और मिट्टी पर बेहतरीन शिल्प व नक्काशी को उकेरा गया है. ‘उकेक’ नाम के इस शहर को 1227 में चंगेज खान की मौत के कुछ दशकों बाद ही बसाया गया था.
‘लाइव साइंस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चंगेज खान की मौत के बाद उसके पोते बातु खान ने गोल्डन होर्ड सल्तनत बनाई थी. यह सल्तनत मंगोल साम्राज्य का ही हिस्सा थी जिसे किपचक खानत भी कहते थे. खानत एक ऐसे राज्य को कहा जाता है जिस पर किसी खान की उपाधि वाले शासक का राज हो.
संग्रहालय के पुरावेत्ता दिमित्री कुबांकिन ने कहा कि वहां मिली वस्तुओं में कांच का बना एक चीनी हेयर पिन मिला है जिसके उपर का आकार एक फटे हुए अनार की तरह है. इसके अलावा ड्रैगन की छवियुक्त हड्डी से बनी तश्तरी का एक टुकड़ा भी वहां मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सामान दो गिरजाघरों के तलघर में खोज के दौरान मिला. इनमें से एक गिरजाघर लगभग सन् 1280 के दौरान बनाया गया था जो 14 वीं सदी के प्रारंभ में नेस्तनाबूद हो गया.
‘लाइव साइंस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चंगेज खान की मौत के बाद उसके पोते बातु खान ने गोल्डन होर्ड सल्तनत बनाई थी. यह सल्तनत मंगोल साम्राज्य का ही हिस्सा थी जिसे किपचक खानत भी कहते थे. खानत एक ऐसे राज्य को कहा जाता है जिस पर किसी खान की उपाधि वाले शासक का राज हो.
संग्रहालय के पुरावेत्ता दिमित्री कुबांकिन ने कहा कि वहां मिली वस्तुओं में कांच का बना एक चीनी हेयर पिन मिला है जिसके उपर का आकार एक फटे हुए अनार की तरह है. इसके अलावा ड्रैगन की छवियुक्त हड्डी से बनी तश्तरी का एक टुकड़ा भी वहां मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सामान दो गिरजाघरों के तलघर में खोज के दौरान मिला. इनमें से एक गिरजाघर लगभग सन् 1280 के दौरान बनाया गया था जो 14 वीं सदी के प्रारंभ में नेस्तनाबूद हो गया.
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